Loan app for low credit score लोन लेना और इसका भुगतान करना आसान प्रोसेस लगता है, लेकिन अगर इसे बगैर प्लानिंग के किया जाए तो ये मुश्किल भरा हो सकता है. कई बार आप लोन या EMI का पेमेंट समय से नहीं कर पाते है, जिसके चलते लेंडर आपको डिफॉल्टर का लेबल दे देता है.
low credit score loan app
जबकि कुछ लेंडर पेमेंट के लिए एक्स्ट्रा समय भी देते है. डिफॉल्ट का लेबल लगने के बाद आगे आने वाले टाइम में ये आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर डाल सकता है और आपको लोन लेने के लिए क्या क्या परेशानियां हो सकती है. आइए जानते हैं.
कौन होता है लोन डिफॉल्टर
अगर आप एक से ज्यादा बार EMI नहीं चुकाते हैं तो लोन देने वाला आपको डिफॉल्टर लिस्ट में डाल सकता है, और दूसरे क्रेडिट ब्यूरो में भी रिपॉर्ट कर सकता है. कुछ लेंडर पेमेंट के लिए एक्स्ट्रा समय भी देते हैं, हालांकि वे आपसे लेट फीस भी वसूलते हैं इससे आपको अपना क्रेडिट स्टेटस सुधारने का एक मौका मिलता है.
डिफॉल्ट के नुकसान Loan app for low credit score
1. क्रेडिट स्कोर खराब होगा
सभी बैंक और एनबीएफसी (NBFC) टाइम पर EMI पेमेंट ना होने पर उसकी रिपॉर्ट सिबिल (CIBIL) या अन्य क्रेडिट ब्यूरो को दे देती है. इससे आपको सिबिल स्कोर खराब होती है, जो आपके फ्यूचर में लोन लेने के लिए मुश्किल भरा हो सकता है.
2. आर्थिक चिंताएं बढ़ेंगी
लेट फीस, पेनल्टी, कोर्ट फीस जैसे खर्च अनसेटल्ड लोन बैलेंस में जुड़ जाते हैं, जिससे आपने जो लोन लिया था, उसके मुकाबले पेमेंट अमाउंट कहीं ज्यादा बढ़ जाता है.
3. कानूनी कार्रवाई हो सकती है
अगर लेंडर आपसे लोन को पेमेंट लेने में नाकाम हो जाता है तो, वह वसूली करने के लिए कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है जिससे आपके समय के साथ साथ पैसा भी बर्बाद होगा.
डिफॉल्ट के बाद कैसे ले सकते है लोन ?
1. गारंटर के साथ अप्लाई Loan app for low credit score
अगर आपका खराब क्रेडिट स्कोर है और आपको लोन नहीं मिल रहा है तो आप किसी ऐसे गारंटर के साथ अप्लाई कर सकते हैं, जिसका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो. इस मामले में, गारंटर का क्रेडिट स्कोर माना जाएगा. लेकिन अगर आपने इस लोन पर डिफॉल्ट किया तो बकाया बैलेंस गारंटर से वसूला जाएगा.
2. कोई एसेट गिरवी रख सकते हैं
अगर आप दोबारा लोन लेना चाहते हैं लेकिन आपको खराब सिबिल स्कोर Loan app for low credit score बाधा बन रहा है तो आप अपनी किसी एसेट को गिरवी रख सकते हैं. जैसे प्रोपर्टी, सोना आदि. इससे लेंडर आपको आसानी से लोन दे सकता है. लेकिन अगर आप लोन नहीं चुका पाते हैं तो गिरवी एसेट लेंडर की हो जाएगी.
3. RBI की तरफ से राहत
डिफॉल्टर्स के साथ बैंक बात कर सेटलमेंट करेंगे और 12 महीनों का समय देकर अपना पैसा निकालेंगे. उसके बाद अगर वह व्यक्ति लोन लेना चाहता है तो उन्हें सेटलमेंट की रकम डिपॉजिट कराने के बाद दोबारा से लोन मिल जाएगा. आरबीआई के इस फैसले से आम डिफॉल्टर्स को काफी राहत मिलेगी.
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