WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Onion Rate Today

Onion Rate Today मानसूनी बारिश से फसलों के बर्बाद होने के कारण देश बीते दो महीनों से टमाटर की कमी से जूझ रहा है, जिसके चलते टमाटरों के दाम 200 रुपए प्रति किलों से भी पार जा चुके हैं। महंगाई की मार झेल रहे लोगों को आगे आने वाले समय में इससे राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है क्यों कि टमाटरके बाद अब प्याज भी तेवर दिखानेवाला है। जानकारों की मानें तो साल मेंइन दिनों अक्सर प्याज के स्टॉक में गिरावट आती है। अगर यह जारी रहा तो प्याज के दाम बढ़ सकते हैं। पिछले चार महीनों में प्याज की कीमतें उचित बनी हुई हैं। अगस्त और सितंबर के महीने आमतौर पर कमजोर मौसम होता हैं। प्याज की अगली फसल अक्टूबर में होगी।

बताया गया है कि प्याज की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर अगस्त केअंत में दिखने लगेगा। खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से प्याज की कीमतें 60 से 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं। हालांकि साथ ही यह भी बताया गया कि यह दाम साल 2020 के उच्चतम स्तर से नीचे ही रहेंगे।

Onion Rate Today

देखिए किस बाजार समिति में कितना रेट मिला

फिलहाल प्याज दिल्ली के बाजारों में 20 से 25 रुपए प्रति किलो बिक रहा है लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि कीमतों में तेजी आने वाली है। इकोनो के पुशन शर्मा कहते हैं रबी की फसल(सर्दियों की बुआई) दिसंबर 2022-जनवरी 2023) में 3.5 प्रतिशत कमहोने का अनुमान है। ऐसा पिछले सीजनमें किसानों द्वारा 25-27 प्रतिशत कीकम वसूली के कारण है।

Agrosolution

इस बाजार समिति में प्याज को सबसे ज्यादा रेट मिला

आपूर्ति में आई कमी Onion Rate Today

रिपोर्ट के मुताबिक टमाटर के उलट प्याज एक ऐसी फसल है, जिसका सरकार के पास ढाईलाख टन का रिजर्व है। प्याज के दाम बढ़ने की स्थिति में सरकार इसे बाजार में उतार करदामों को काबू कर सकती है। महाराष्ट्र में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी, लासलगांवकृषि बाजार समिति के सचिव नरेंद्र वाधवाने ने कहा, किसानों ने पिछले महीने भारी बारिशके कारण भंडारित प्याज का बहुत नुकसान होने की सूचना दी है, जिससे इसकी आपूर्ति मेंकमी आई है।

Agrosolution

सरकार देगी सभी बेटियों को 74 लाख, जाने नया नियम?


Discover more from Agrosolution

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

WhatsApp Channel Follow
Telegram Group Join Now
error: Content is protected !!

Discover more from Agrosolution

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading