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Cow Dung Products गोबर से बदली दिव्यांग की तकदीर, अब दूसरों को उपलब्ध करा रहे रोजगार, इनके प्रोडक्ट्स की है काफी हाई डिमांड

Cow Dung Products पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ में दिव्यांग सतेन्द्र नागर ने गाय के गोबर का उपयोग करके अनूठे सामानों की निर्माण कार्यक्रम में अपनी प्रतिभा को प्रकट किया है. उन्होंने राजबाला प्राकृतिक प्रोडक्ट लिमिटेड के साथ मिलकर गाय के गोबर से विभिन्न प्रकार के पेंटिंग और सजावटी सामान बनाना शुरू किया है. इस उपाय के माध्यम से वह स्वयं की आय कमा रहे हैं और साथ ही दूसरों को रोजगार का अवसर प्रदान कर रहे हैं.

सतेद्र नागर ने यह सुझाव दिया है कि युवाओं को स्वरोजगार के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए नए और आवश्यक ऑडियो के कामों पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने खुद भी नौकरी की सोच रखी थी, लेकिन उन्होंने अपने कारोबार की ओर पलटने का निर्णय लिया. Cow Dung Products शुरुआती दौर में, उनके प्रोडक्ट्स की दिशा में कम रुझान देखा जाता था, लेकिन ब्लॉक और जिला प्रशासन की ओर से आयोजित मेलों के माध्यम से लोगों की जिज्ञासा बढ़ रही है और उनके प्रोडक्ट्स का प्रचार हो रहा है. इससे उन्हें काफी फायदा हो रहा है और उनका व्यवसाय उत्तराधिकारियों के बीच अधिक पहचान पा रहा है.

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गाय के गोबर से विभिन्न प्रकार के पेंटिंग और सजावटी सामान

देसी गाय के गोबर का करते हैं उपयोग Cow Dung Products

ग्रामीण क्षेत्र में कई किसान अब देसी गोबर का उपयोग करके विभिन्न उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने गाय के गोबर का उपयोग चावल के पाउडर, इमली के पाउडर, घड़ी, पेंटिंग, भगवान श्री गणेश जी की पेंटिंग, राधा कृष्ण सहित सजावटी पेंटिंग बनाने में किया है. ये उत्पाद लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं और इनकी कीमत 100 रुपए से शुरू होती है.

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गारंटी के साथ पर्यावरण सुरक्षित

Cow Dung Products सतेंद्र नागर की ओर से गोबर के माध्यम से बनाए गए सजावटी आइटमों की गारंटी का प्रस्ताव एक अच्छी पहल है. वे बताते हैं कि उनकी आइटम्स की पेंटिंग 2 साल तक सुरक्षित रहेगी और उसके बाद भी आपको उसे पानी में रखकर उपयोग करने का विकल्प मिलता है. इस तरीके से, उनकी उत्पादों की दीर्घकालिक उपयोगिता और टूटे फूटे आइटमों के प्रति स्थायित आवश्यकता को ध्यान में रखा गया है. सतेंद्र नागर की पत्नी भी स्वय सहायता समूह से जुड़ी है, जिससे वे सामाजिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकती हैं. इस तरह के समूह उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद कर सकते हैं और उन्हें सरकार की ओर से उपलब्ध योजनाओं का भी लाभ मिल सकता है.


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