fish farming project मछली पालन में व्यवसाय का एक अच्छा तरीका है. किसान बड़े पैमाने पर मछली पालन करते हैं. आमतौर पर मछली पालन तालाब और नदी के किनारे किया जाता है. लेकिन अब इसमें बदलाव आया है. जहां साइंस ने किसानों के लिए बाकी फसलों में नए विकल्प तलाशे हैं.
fish farming project
तो वहीं, अब साइंस की सहायता से किसान कहीं भी मछली का पालन बड़ी ही सुविधा के साथ कर सकते हैं. अब घर में भी मछली पालन किया जा सकता है. और घर में मछली पालन करने के लिए सरकार भी आपको 60 फीसदी तक सब्सिडी मुहैया करवा रही है. चलिए जानते हैं क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया.
fish farming project सरकार देगी 60 फीसदी सब्सिडी
अगर आप मछली पालन करना चाहते हैं लेकिन आपके पास जमीन नहीं है तो इस बात के लिए भी आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि आप घर पर भी मछली पालन कर सकते हैं. भारत सरकार की योजना इसमें आपका योगदान देगी. भारत सरकार ने बैकयार्ड रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम के जारी एक योजना लागू की है. जिसके तहत आम जनता को मछली पालन पर 40 फ़ीसदी की सब्सिडी दी जा रही है. तो वहीं जो महिलाएं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आती हैं. उन्हें इस पर 60 फ़ीसदी की सब्सिडी जा रही है.
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घर में इस तरह करें मछली पालन
fish farming project अगर आपके पास जमीन नहीं और आप घर में मछली पालन करना चाहते हैं. तो इसके लिए आपके पास एक सीमेंट टैंक होना चाहिए. इसमें भी आप मछली आसानी से कर सकते हैं. इसमें तकरीबन 70 से 80 किलोग्राम मछली आराम से रखी जा सकती है. सरकार ने छोटे मछुआरों को सहायता देने के लिए बैकयार्ड रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम के जरिए मछली पालन की यह योजना चलाई है.
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अगर किसान के पास दो कमरों का घर है तो वह एक कमरे में मछली पालन कर सकता है. तो वहीं दूसरे के बारे में अपने परिवार के साथ रह सकता है . सीमेंट टैंक के साथ ही किसान प्लास्टिक टैंक में भी मछली का पालन कर सकते हैं.
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इस टैंक में भी सीमेंट टैंक की तरह ही मछलियां पाली जा सकती है. इसमें सिंघी मछली के बीज डाले जा सकते हैं. जो कि चार महीनों के भीतर ही 100 ग्राम की एक मछली के रूप में तैयार हो जाएंगे. एक टैंक से तकरीबन 2 लाख रूपये तक कमाये जा सकते हैं fish farming project
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