top 10 army academy in maharashtra आपने कई बार सुना होगा कि आर्मी कैंटीन में फलां चीज सस्ती है और फलां चीज उससे सस्ती है. खाने-पीने से लेकर घरेलू जरूरी सामान और भी बहुत कुछ, यहां इतने सारे उत्पाद इतने सस्ते कैसे हैं? कभी सोचा गया?
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गौरतलब है कि आर्मी कैंटीन से मिलने वाली सुविधाएं केवल सेना के जवानों, अधिकारियों और सुरक्षा बलों में विभिन्न पदों पर बैठे कर्मियों तक ही सीमित हैं। लेकिन, आख़िरकार, सवाल यह है कि आप यहां इतनी रियायती कीमत पर उत्पाद कैसे बेच सकते हैं? top 10 army academy in maharashtra
भारतीय सेना के जवानों के लिए लॉन्च किया गया कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों, जवानों और विभिन्न रैंकों को उदार छूट प्रदान करता है। फिलहाल इस रियायत का फायदा करीब 13.5 मिलियन यानी 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा जवानों को मिल रहा है.
क्या आम लोग यहां से खरीदारी कर सकते हैं?
top 10 army academy in maharashtra आर्मी कैंटीन की ओर से सेना के जवानों के लिए स्मार्ट कार्ड जारी किया जाता है। इस कार्ड का उपयोग यहां खरीदारी करने के लिए किया जा सकता है। यह कार्ड दो प्रकार के होते हैं, एक ग्लोरी कार्ड और दूसरा लिकर कार्ड।
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किराना कार्ड के माध्यम से किराना, बिजली के उपकरण खरीदे जा सकते हैं। तो, शराब कार्ड पर शराब खरीदी जा सकती है। सवाल यह है कि क्या आम नागरिक यहां खरीदारी कर सकते हैं? तो उत्तर नहीं है। क्योंकि, कैंटीन की यह सुविधा केवल उन लोगों तक ही सीमित है जो सैन्य सेवा में है।
आपको सामान इतना सस्ता कैसे मिल जाता है?
आर्मी कैंटीन में मिलने वाला सामान इतना सस्ता कैसे हो सकता है? क्या आपके मन में भी ये सवाल है? मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार यहां मिलने वाले उत्पादों पर जीएसटी में 50 प्रतिशत की छूट देती है, जिसके कारण यहां मिलने वाले सामान इतनी कम कीमत पर बिकते हैं। top 10 army academy in maharashtra
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हालांकि यहां उत्पाद कम कीमत पर उपलब्ध हैं, लेकिन इनकी खरीद पर एक सीमा है। इसलिए ये भी उतना ही जरूरी है कि यहां कोई भी जरूरत से ज्यादा खरीदारी नहीं कर सकता. top 10 army academy in maharashtra
आर्मी कैंटीन की शुरुआत कब हुई थी?
सीएसडी यानी कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट की शुरुआत 1948 में हुई थी, जहां दैनिक उपयोग की वस्तुएं उपलब्ध कराई जाती थीं। इसमें अनाज से लेकर कपड़े, जूते और उपकरण तक शामिल हैं। ये सेना कैंटीन महत्वपूर्ण सैन्य अड्डों पर स्थित हैं और सेना के जवानों द्वारा संचालित की जाती हैं। वर्तमान में भारत में ऐसी लगभग 3700 आर्मी कैंटीन इकाइयाँ हैं।
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