smart meter companies in india उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी से होने वाले घाटे को कम करने के लिए प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरूआत लोकसभा चुनावों के बाद होगी। इसके लिए सभी बिजली कंपनियों ने तैयारी कर ली है।
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विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मई के अंत तक बिजली कंपनियों को ऑर्डर किए हुए स्मार्ट प्रीपेड मीटर मिलने शुरू हो जाएंगे, जिसके बाद घरों में लगे मौजूदा मीटर के स्थान पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। पूरे प्रदेश में तीन करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाना है। योजना पर पूरे प्रदेश में करीब 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी।
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बिजली चोरी वाले इलाकों से शुरुआत
पहले चरण में प्रदेश के जिन इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाना है, उसमें पहले उन इलाकों को चुना जाएगा। जहां बिजली चोरी ज्यादा है। इसके लिए फीडरों ऑडिट किया जा रहा है। जिससे ये पता लगाया जा सके कि किस फीडर से कितनी बिजली जा रही है और उसके मुकाबले कितनी बिलिंग हो रही है। एक बार ज्यादा बिजली चोरी वाले इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद अधिक लोड वाले ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। किस जोन में पहले और बाद में मीटर लगाए जाने हैं। इसके लिए स्थानीय स्तर पर सर्वे भी किए जा रहे हैं। smart meter companies in india
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क्यों लगाए जा रहे हैं स्मार्ट प्रीपेड मीटर?
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से यह होगा कि उपभोक्ता जितने रुपये का रिचार्ज करवाएंगे, उतनी ही बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे। ये मीटर अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे। घरों में इस मीटर के लगाए जाने के बाद बाइपास बिजली, मीटर से छेड़छाड़ आदि बिजली चोरी से जुड़े कार्य नहीं किए जा सकेंगे। यदि कोई उपभोक्ता ऐसा करने का प्रयास भी करेगा तो मीटर से सीधे इससे संबंधित मेसेज विभाग के कंट्रोल रूम को मिल जाएगा।
smart meter companies in india स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उपभोक्ता बिजली का लाभ ठीक वैसे ही उठाएंगे, जैसे मोबाइल रिचार्ज कराकर बातचीत करने या इंटरनेट सेवा का लाभ उठाते हैं। ये मीटर उपभोक्ताओं के सीधे मोबाइल से जुड़ा होगा। उपभोक्ता को प्रतिदिन इसकी जानकारी होती रहेगी कि वह कितने यूनिट व कितने रुपये की बिजली इस्तेमाल कर चुके हैं।
उपभोक्ताओं को नहीं देना होगा कोई खर्च
smart meter companies in india राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने के लिए उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की अतिरिक्त धनराशि नहीं देनी होगी। नया मीटर लगाने का खर्च बिजली विभाग उठाएगा। समय-समय पर रिचार्ज कराते हुए विद्युत उपभोक्ता मोबाइल फोन सेवा की तरह बिजली का लाभ उठाते रहेंगे।
किस बिजली कंपनी में लगने हैं कितने मीटर
दक्षिणांचल: 53 लाख
मध्यांचल: 71 लाख
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फर्जी बैंक गारंटी देने वाली कंपनी ब्लैकलिस्ट smart meter companies in india
बिजली विभाग के टेंडर में अप्लाई करने में फर्जी बैंक गारंटी लगाने वाली कंपनी डायमंड इंफ्राटेक को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनी को पांच साल के लिए ब्लैकलिस्ट करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब कंपनी पांच साल की अवधि के दौरान विभाग में किसी भी तरह के कार्य में हिस्सा नहीं ले सकेगी। फर्जी बैंक गारंटी लगाने के मामले में कंपनी के खिलाफ विभाग की तरफ से एफआईआर भी करवा दी गई है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कंपनी ने मजारों के विद्युतीकरण का काम करने के लिए ई-टेंडर में शामिल हुआ था।
smart meter companies in india दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से ई-टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इस प्रक्रिया में कंपनी की ओर से बैंक गारंटी जमा करवाई गई। जब विभाग के अधिकारियों ने जांच की तो पता लगा कि बैंक गारंटी बैंक की ओर से जारी नहीं की गई थी। उसे कंपनी ने फर्जी तरीके से 1.18 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी के कागजात बनाकर जमा करवा दिए थे।
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