WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Educate girls spine

Educate girls spine 2024: हर साल अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस प्रतिवर्ष 24 जनवरी को मनाया जाता है. इस साल की थीम स्थायी शांति के लिए सीखना’ विषय चुना गया है. जिसका साफ तौर पर मतलब है कि अगर आपको स्थायी शांति चाहिए तो आपको नई चीजें सीखनी पड़ेगी.

इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. सरकार बेटियों की पढ़ाई के लिए कई तरह की स्कीम चला रही है. तो चलिए जानते हैं इस दिन का महत्व और थीम.

International Education Day 2024: कब से हुई इस दिन की शुरुआत?

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत 2019 से की गई है. इस साल 6वां अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है. 3 दिसंबर, 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने एक प्रस्ताव पारित कर 24 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. Educate girls spine

Educate girls spine

कुसुम सोलर योजना 2024, अब नये स्वरूप मे…

59 देशों के सदस्य ने एकजुट होकर शिक्षा के महत्व और लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की. शिक्षा के इसी महत्व को दुनिया भर में बताने के लिए हर साल 24 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है. इस दिन कई प्रकार के आयोजन किए जाते हैं और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है. Educate girls spine

International Education Day 2024: यह 24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?

3 दिसंबर, 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा पारित एक प्रस्ताव द्वारा 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई. इसके बाद 24 जनवरी, 2019 को पहला अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया. उसके बाद से हर साल 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. 2024 में का छठा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है.

International Education Day 2024: इस साल की थीम क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाने के लिए हर साल एक थीम चुनी जाती है. इस थीम का मकसद लोगों का शिक्षा को लेकर जागरूक करना है. ताकि लोगों को पता चल सके कि आज के समय में शिक्षा हर काम के लिए जरूरी है.

भारत सरकार बेटियों को शिक्षित करने के लिए कई तरह के स्कीम चला रही है. तो चलिए जानते हैं भारत सरकार की बेस्ट स्कीम..

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao)

यह भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक बेहतरीन स्कीम है, यह स्कीम साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत में इस योजना का शुभारंभ किया था.
इसका मकसद बेटियों को शिक्षित कर उन्हें आगे बढ़ाना है.

Agrosolution

अब CIBIL Score नहीं होगा खराब, RBI ने बनाए नए नियम

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana (SSY) Scheme)

सुकन्या समृद्धि योजना में कोई भी भारतीय नागरिक अपनी बेटी के लिए निवेश शुरू कर सकता है. इसमें सालाना न्यूनतम 250 रुपए और अधिकतम 1.50 लाख रुपए निवेश करने की छूट है. स्‍कीम में बेटी के लिए 15 साल तक पैसे जमा करने होते हैं. अपनी 10 वर्ष के कम उम्र की बेटी के लिए निवेश शुरू कर सकता है. स्‍कीम में फिलहाल 7.6 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.  अगर आप अपनी बेटी के जन्म के बाद से ही अगर इस स्कीम में निवेश करते हैं तो जब आपकी बेटी 21 साल की हो जाएगी तब उसके लिए एक अच्छा अमाउंट जमा हो जाएगा.

बालिका समृद्धि योजना (Balika Samridhi Yojana)

इस योजना की शुरुआत 1993 में की गई थी. जिसका फायदा गरीबी रेखा से नीचे आने वाले यानी बीपीएल (BPL) परिवार में जन्मी लड़कियों को मिलता है. इस योजना के जरिए बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई का सारा खर्च सरकार उठाती है.

Agrosolution

गांव की हर बेटी का होगा कल्याण, बिना रुकावट के मिलेंगे ₹5000, यहाँ से करें आवेदन

धनलक्ष्मी योजना (Dhanlaxmi Yojana)

छत्तीसगढ़ सरकार बेटियों के बेहतर करियर के लिए इस स्कीम की शुरुआत की है. इसका फायदा सिर्फ उसी राज्य में रहने वाले लोग ले सकते हैं. इस योजना का सबसे बड़ा लाभ कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम करना और बेटियों की शिक्षा को बढ़ाना है.

मध्य प्रदेश लाडली योजना (madhya pradesh ladli yojana)

यह स्कीम मध्यप्रदेश में शुरू की गई थी. इस योजना के जरिए मध्य प्रदेश सरकार राज्य की स्थायी निवासी महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है. महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये दिए जाते हैं, ताकि उनकी सेहत और पोषण  में सुधार हो और उनकी बेसिक जरूरतें पूरी हो सके.


Discover more from Agrosolution

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

WhatsApp Channel Follow
Telegram Group Join Now
error: Content is protected !!

Discover more from Agrosolution

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading